परिवार से होती है पहिचान
परिवार से बढती है शान ॥
परिवार करता है होसले बुलंद
परिवार ही ख्याल रखता जब तू तंग॥
परिवार न होता तो महाभारत ना होती
परिवार ने बताई भरत के त्याग की चोटी॥
परिवार की महिमा देवताओं ने गयी
शिव परिवार के दर्शन बहुत शुभ होते हैं भाई॥
जब बाबा की गोद में पोता आता है
खेलता कूदता और घोड़ा बनाता है॥
उस समय बाबा की जीना हो जाता है सार्थक
अगर परिवार न हो तो सभी निरर्थक ॥
आप और हम भी एक परिवार ही तो है
जिस के राजा रानी हम और आप है॥
खूब समझाई है परिवार की महिमा....
लेकिन एक बात है आपने भी छुपाई ..
परिवार हीं है जो सीमित कर देता है इन्सान को..
नहीं लड़ पाता ज़माने के जुल्मों के खिलाफ ..
डरता है क्या होगा उसके बाद...
समझौते करवाता है परिवार..
फिर भी सबको भाता है परिवार...
सुखी रहे आपका परिवार
सुमन ..................................
दिलज़लों का हर जगह येही हाल होता है
परिवार के अंदर या बाहर उनका तो मुह लाल होता है॥
जो परिवार में रह नहीं सकते
वोह समाज में भी शायद खप नहीं सकते॥
हर सर्दी के बाद गर्मी आती है
हर रात के साथ दिन जुडा होता है॥
हर फूल के साथ कांटे होते है
हर अधिकार के साथ फर्ज भी अदा करने होते है॥
कुछ लोग सिर्फ अधिकार जानते हैं
जवाबदारी से मुह चुरा के भागते हैं॥
ऐसे लोग अपने माँ बाप को भी धत्ता बता देते हैं
मजे लेने के लिए पैदा किया कौनसा अहसान किया सुना देते है॥
हमने यूरोप भी देखा है
जहाँ परिवारों का टोटा है॥
उनका हाल भी हम जानते हैं
जाने कितने ओल्डएज होम उनकी छाती पे गडे हैं॥
इसलिए फिर कहता हूँ सुनो खोल के कान
रहना भाईओं के बीच चाहे जंगल हो या मकान ॥
Monday, February 9, 2009
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