वो भी दिन थे की हमीं आयें हरेक बात में याद
आज हर बात में कह्ते हैं की हम भूल गए
बड़े भोले है, बड़े ढूध के धोये हैं आज
पी के जब प्यार में बहके थे कदम भूल गए
हमसे कांटे भी निकलवाये थे तलवों से कभी
आ के मंजिल पे सभी राह के ग़म भूल गए
अब तो कह्ते हो की भाते ही नही हमको "गुलाब"
आपके दिल् को कभी था ये वहम भूल गए
कल तक हम तुम्हारे आशिक थे आज खाविंद होते है
कल तक पसीना था गुलाब आज रोटी कपडा और मकान को रोते हैं
तुम आज भी दिल के पास हो दुनियादारी में फंसे तुम्हे खोते हैं
ड़र से तुम्हारे जानबूझ कर अनजान बन भूलना कबूल लेते हैं
हमारी वफादारी की कसम हर आशिक खाता है
अहद निभाने को इश्क अंजाम तक लाने को दूध नहीं
गंगाजल से धुले रोज तुम्हारी आंखों में खोते है
हम अकेले गुनहगार नहीं इस खुशनुमा अंजाम के
उस वक्त कदम दोनो के बहके थे नतीजे में संग होते हैं
याद है हमें तलवा और कांटे
जो लगे थे तुम्हे रिझाने को फूल लाते
याद है तुम्हारा उन फूलों का कबूल करना
और हमारे दर्द को सहलाना और सिसकना
कसम तुम्हारी याद है की
तुम्हे फूलों से नही हम से प्यार है
तुम गुलाब, हम कांटे, इश्क हवा हुआ,
आओ मिल दुनिया के दर्द बांटे
सात जन्मो के साथ की कसम को पूरी करने के खातिर
बनाया है नया आशियाना "हुजुर" तुम्हारे खातिर
कल तक हम तुम्हारे आशिक थे आज खाविंद होते है
कल तक पसीना था गुलाब आज रोटी कपडा और मकान को रोते हैं
लोग कहते हैं वो मुझसे मुझ्तालिफ सा है
मगर वोह जानते नहीं
मैं उस से रूठ जाऊं तोह..
वोह मुझसे रूठ जाता है ..
गलत ख्याल दिल को दुखा देता है
खोफ्नाक सपना नींद उडा देता है
तुम रूठी तो मनाने को कया कोई ताऊ आते है
फिल्म दिखाते, चाट खिलाते हम ही तो मनाते हैं
अगर वोह पूछ लें हम से की तुम्हे
किस बात का गम हे?
तो फीर................
किस बात का गम हें? ॥
गम था तो बस एक ही गम था
जहाँ किस्ती डूबी वहां पानी बहुत कम था ।
जो आँखों की जबान नहीं पढ़ते
उन्हें इश्क का हक नही ।
जो बातबात पर रुठते हैं उन्हें ,
हमारे दिल टूटने का इल्म नही ॥
वो मुझे याद तोः करता है मगर यूँही जैसे
घर का दरवाज़ा किसी रात खुला रह जाए॥
हमारे घर के दरवाजे तो कभी के उखड गए
तुम कब आओगी सोच सोच अरमान भड़क गए
आओगी तुम तो सितारों की छाँव होगी
चाँद रास्ता दिखायेगा गली सुनसान होगी
चौखट पर हम खड़े होंगे पलकों में छिपाने को
नज़रे उतार ले बलियां लोगो की नजरों से छिपाने को
Saturday, July 19, 2008
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1 comment:
ha ha ha bhut achee rachna...
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