Tuesday, November 8, 2016

गौपष्ट्मी विशेष



 
जय गौमाता - जय गोपाल

गोपाष्टमी यानी गोप + अष्टमी - गोपो द्वारा अपने गौवंस को सजा धजा कर खिला पिला कर पूजन करने और हर्ष और उल्लास के साथ मान्या गया उत्सव | वैसे गोपालकों, गौरक्षको के गौसेवा कार्यों को सरहाने का उत्सव| आज देश में गौवंश रक्षा, निर्मम अवैधानिक कत्ल, परिवहन, क्रय विक्रय, तस्करी से हांहाकार मचा हुआ है |
देश के स्वतन्त्रता संग्राम में स्वाधीनता से अहम प्रश्न सम्पूर्ण गौरक्षा माना गया था और जिसे महात्मा गांधी, बालगंगाधर तिलक, महामना मदनमोहन मालवीय, राजेंद्रप्रसाद जैसी विभूतियों ने "देश के आज़ाद होने पर कलम की पहली नौक से देश में पूर्ण गौहत्या निषेध" का आवाहन और आश्वासन दिया था |
यह प्रश्न सविधान सभा के समक्ष लाला गोविन्द दास, पुरुषोत्तम दास जी टंडन, श्य्माप्रशाद जी मुखर्जी आदि ने पुर जोर तरिके से रखा था| सभा के मुस्लिम सदस्यों जैसे असम के जे एच लहरी जैसे सद्सयों ने इसका हिन्दू धर्म की मान्यता के कारण समर्थन किया था | लेकिन इतिहास गवाह है कि पंडित जवाहरलाल नेहरु ने इसे अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना कर राज्यों को निदेश सिद्धांत में डलवा दिया |
इस का भीषण परिणाम गत ६४ वर्षो में लगभग ४००-४५० करोड़ गौवंश का निर्मम व्यापार, परिवहन, तस्करी, ह्त्या आदि है यानी देश की कृषि लागत में असीम बढ़ोतरी, कृषको की आत्म ह्त्या, रासायनिक दुग्ध से देश की सेहत का विनाश, ग्रामीण व्यवस्था का विनाश आदि दृष्टी गौचर हैं |
इस ही मांग को दहुराते हुए १९६६ ७ नवम्बर को पूर्ण देश के गौभक्तो, साधू संतो ने गोलियां खायी थी जिसे भी ५० वर्ष बीत गए हैं लेकिन यह कलंक आज भी हमारा मुख काला कर रहा है परम गौभक्त हरजस राय कांग्रेस अधिवेशन में मुख काला कर के आये तो महामना मदनमोहन मालवीय जी ने उनका मुख धुलवाया और कहा की जब तक देश में गौहत्या होगी तुम्हारा मुख नही हमारा मुख काला हो रहा है |
ऐसे कितने ही संस्मरण हैं लेकिन देश से १६ लाख टन वर्ष का बीफ निर्यात किया जा रहा है जो निश्चित ही लगभग १.५ करोड़ भैंस के वध के बाद ही प्राप्त हो सकता है लेकिन इतना बड़ा संहार कहा हो रहा है वह देश और राज्यों की सरकार नही निश्चित कर पा रही है. यह सत्य है की देश से गौमांस निर्यात पर पूर्ण प्रतिबंध है लेकिन भैंस मांस के नाम में इन यांत्रिक कसाई खानों में गौवंश का निर्मम कत्ल किया जा कर मांस निर्यात किया जा रहा है |
देश के मांसाहारियों की आवश्यकता को एक तरफ रख दें तो बांग्ला देश को गौवंश की तस्करी आज अभिशाप बन गयी है |
४०९६ किलोमीटर लम्बी सीमा जो बंगाल, असाम, त्रिपुरा और मेघालय होकर गुजराती है आज देश की सुरक्षा में खतरा बन चुकी है क्योंकि भारत के गौवंश तस्करी से बांग्लादेश के कसाईखाने चल रहे हैं और विदेशी मुद्रा अर्जन कर रहे है उधर वेह भारत को हथियार, मादक दवाएं, नकली नोट आदि भेज रहे हैं |

लगभग डेढ़ करोड़ पशुओं की तस्करी जो की भारत में ७,५०० करोड़ के ख़रीदे जाते हैं, जिनपर लगभग १५,००० करोड़ रिश्वत व् परिवहन खर्च आता है और जो तस्करों को लगभग ८०,००० करोड़ रुपिया देते हैं यानी लगभग ५५,००० करोड़ बिना टैक्स, का पैसा और यह GST में भी नहीं आने वाला |
प्रति वर्ष लाखो स्वस्थ्य गाय विशेषत: कलकत्ता में बकर इद्द के अवसर पर सभी विधि विधानों सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों को धत्ता बताते हुए बंगाल सरकार के तुष्टिकरण और संरक्षण में कुर्बान कर दी जाती है|
आज गौपाष्ट्मी के पावन अवसर पर सभी गौभक्तों का अभिनन्दन करते हुए कुछ गौभक्तो का स्मरण करना मेरा कर्तव्य है | गौऋषि माननीय ॐ प्रकाश जी, परम श्र्ध्य ज्ञानानंद जी, परम पूजनीय शंकराचार्य श्री राघेश्वर भारती जी, स्वामी दतशर्णानन्द जी, परम पुँजनीय स्वर्गीय के.एस. सुदर्शन जी जिन सभी परम्श्रध्यों ने गत दशक में देश में गौरक्षा, सम्वर्धन और गौउत्पादो की लहर पैदा की है | 
इनके साथ देश के कोने कोने में व्याप्त लगभग १५,००० गोशालाओं का संचालन कर रहे गोपालकों को नमन|
आज पूर्ण देश में भ्रमण कर रहे परम गौभक्त सं
घ कार्यकारिणी सदस्य व् राष्ट्रीय गौरक्षा प्रमुख माननीय शंकरलाल जी
जिनका
१५ सूत्री विचार
देश में क्रान्ति ला रहा है के साथ दिल्ली में बैठे सु
दर्शन चेनल के भाई सुरेश जी चौहानके, भाई विजय खुराना, भाई जैपाल सिंह नयाल, बम्बई के श्री अमित व् अतुल शाह,सुर्याचारी कृष्णदेव जी शिंदे. श्री एस.के. हलवासिया, गुजरात के डॉ. वल्लभ भाई कथीरिया गोज्ञान फ़ौंडेशन के श्री सुदर्शन कौशिक, संदीप शर्मा, श्री नरेश कादियान, श्री सुरेंदर जैन, श्री हुकुमचंद जी सावला, हैदराबाद के श्री महेश अगरवाल, कलकत्ता के माननीय श्रीकांत शर्मा बालव्यास व् श्री विकास लोहिया, महेश राठी, दीनदयाल जी गुप्ता, विश्वनाथ जी सेकसरिया, तमिलनाडु में बहिन गौहर अज़ीज़, बाबूलाल जी जैन, पंजाब के श्री सतीश शर्मा
जैसे सैकड़ो हर प्रांत हर जिले हर नगर में रक्षण, सम्वर्धन और गौमहिमा प्रचार करने में लगे मेरे गौपालक अग्रजो का आज गौपास्ट्मी पर अभिनन्दन||| 
डॉ.श्रीकृष्ण मित्तल

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