Friday, October 2, 2015

जन्मदिन बापू और शास्त्री का प्यारा


आज फिर .........माँ की याद आई | 
मेरेजन्मदिन पर जो लेती थी बलाई || 


लगाती थी टीका काला आंख से काजल निकाल के|
करती थी तिलक आरती उतार के || 


बनाती थी सुबेरे से खीर मिठाई | 
मनाने को मेरा जन्मदिन उस दिन भाई || 


देश गांधी जयंती मनाने में लीन रहता था |
मेरे घर पर तो खीर पूरी खा कर 

बधाई देने वालो का जमघट लगा रहता था|| 

आज तो सिर्फ यादें बाकि रह गयी | 
ना माँ रही ना देश में वोह गाँधी जयति भी रही|| 


सिर्फ बापू की याद आती है | 
माँ स्वर्ग से बलियां लेती है|| 


मित्रो, अब तो सिर्फ तम्हारा सहारा है| 
बधाई दो या ना दो आज जन्मदिन 

बापू  और शास्त्री का प्यारा  है||



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