Monday, January 26, 2009

गणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएँ

यह आजादी का सुनहरा गणतन्त्र
विश्व में बेमिसाल हमारा प्रजातंत्र ।

अब तजुर्बेकार हो गया यह तन्त्र
हमे फक्र है की हमारा है यह गणतन्त्र॥

याद आती है लिछिविओं की जिहोने विश्व को गणतन्त्र दिया
नमस्कार बाबा साहेब अम्बेडकर को जिन्होंने विश्व का सर्वोतम सविधान दिया ॥

75 सालों में इसमें सैकडो परिवर्तन हो गये
जैसे सोने की मूर्ति पर हीरे मोती टंग गये ॥

इसही सविधान से बिना खून के सत्ता की परिवर्तन है
बोलने, पूजा, व्यवसाय, आवागमन की पूर्ण स्वतन्त्रता है॥

सांसदों को,विधायकों को, नगर ग्रामसभाओं का चुनाव होता है
इसके सामने प्रधान मंत्री को भी सर झुकाना होता है ॥

उपर बैठे कह रहे होंगे गाँधी नेहरु तिलक गोखले
लाजपत भगत राजगुरु चंद्रशेखर सुभाष जो लड़े और चले ॥


हर वर्ष लगेंगे मेले बस शहीदों का येही मुकाम होगा
जब भी उनकी याद आएगी आँखे नम होंगी और जुबान पर नाम होगा ॥

तूफान से लाये थे आज़ादी के परवाने किस्ती निकाल के
इस गणतन्त्र को रखना मेरे साथियो संभाल के॥

दुश्मन आतंकी खडा है दरवाजे पर बंदूकें तान के
सम भारतमाता की खाते हैं रखेंगे हम इसको सम्भाल के ॥

आप को गणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएँ

Monday, January 5, 2009

एक और नयी सुबह का फूल ......................



बधाई नव वर्ष की और क्षमा करना मेरी भूल

कल सुबह भी देखा था खिलता मुस्कुराता फूल
हुयी शाम और ढल गया फूल

क्षण भंगुर यह दुनिया,
जानत सभी फिर भी गये भूल

पल की खबर नहीं, सामा १०० वर्ष का
प्यार को समय नही, झगडा कयामत का

फिर भी एक और नयी सुबह और उसका फूल

सोचता हूँ समय थमता नही
रात रूकती नही सुबह थमती नही

हर वर्ष फिर नव वर्ष की गूंज और हाथ में फूल

लेते भी, देते भी, दोस्त भी दुश्मन भी
राजा भी रंक भी, साधू भी संत भी
हिन्दू भी मुसलमा भी
सभी लगते इस नई सुबह का
खिलता मुस्कुराता चमन का फूल

फूल के साथ में कांटे जो दिखते नही
फिर भी दिल में दे जाते शूल

ऐसा ही कुछ हुआ गत वर्ष
जैसे बम्बई पर आतंकवादी हमला
शेएर बाज़ार का ४ लाख करोड़ पी जाना
पुरे विश्व का मंदी में घिर जाना
संसद में नोटों का लहराना
बेनजीर का हलाक ............और
श्रीमान १०% का सदर बन जाना
अर्र्रे ............दुनिया के थानेदार पर जूता चल जाना

किसी को फूल किसी को कांटे
किसी को शूल किसी को तोहफे
................एक और नयी सुबह .....और.....फूल