Thursday, October 1, 2020
डाक्टर का मशवरा
कहां कहां है हाथरस, कहां भेड़िया घाट
सभी भेड़िए ढूंढ कर , लिंग दीजिए काट
लिंग दीजिए काट, जो निर्भया सभी बच जाएं।
कर ना सके उत्पात ये भेड़िए, शहर भयमुक्त हो जाएं।
भेड़िए भेड़ बन घूमे कोई फ़िक्र नहीं।
इन महिला लोलूप भेड़ियों की सभ्य समाज में कोई जगह नहीं।
हाथरस हो या अजमेर कानून ऐक ही हो।
हम नहीं राउल प्रियंका जिनका बारां में मुख बन्द हो
आतंकवादी की कोई जात नहीं सब जानते।
इन भेड़ियों को क्यों नहीं है पहिचानते।
कहां गए वोह शेर गजकेसरी
कहां गए वो मर्यादा पुरुषोत्तम नर केशरी।
आज भेड़िए नगरो गांवों में खुले घूम रहे।
इन आवारा कुत्तों को क्यों नहीं पालिका वाहन पकड़ रहे।
इन भेड़ियों का एक ही है इल
पकड़ इन्हे, खड़ा कर चौराहे पर, लिंग दीजिए काट।।
डा श्री कृष्ण मित्तल
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