जैसे हम धरा पर आये हों कल
कितना मधुर सफ़र पूरा किया
...........लेकिन अभी बाकी है कल
कल यानी नयी सुबह,
नया प्रभात
एक और यादगार जन्मदिवस,
सब के साथ
मित्र, बंधूबांधवों की सुभकामनाओं की सौगात
होगी धरोअर
और प्रभु-गुरुचरणों में अरदास
हमारी भी शुभकामनाएँ स्वीकार करना
एक गुलाब हाथों में
और गुलाबजामुन मुख में
रखते हुए हमें भी याद करना